Three Victims – Ambedkar editorial on Bhagat Singh’s martyrdom
On 23 March 1931, Bhagat Singh, Sukhdev and Rajguru were hanged. Explaining why the British government hanged them,...
Bhagyashri Boywad :The First Dalit Women who Became the Chairperson of Students Council of TISS, Hyderabad
I Bhagyashri Boywad, come from Nanded, one of the backward districts of Marathwada. I am from an economically...
Resignation of Dr. Ambedkar from the cabinet (Law Minister) in 1951
Reasons behind for the resignation of Dr. B.R. Ambedkar I measure the progress of a community by the...
The Communal Award And Poona Pact
poona pact and communal award The Communal Award was to grant separate electorates in British India for the...
Waiting for a Visa : Autobiographical life story of B. R. Ambedkar
Waiting for a Visa is a 20-page autobiographical life story of B. R. Ambedkar written in the period...
क्या पाकिस्तान बनना चाहिए? – भीमराव आम्बेडकर
इससे पूर्व जो कुछ कहा गया है, उसके बारे में कोई भी शंकालु, राष्ट्रवादी, रूढ़िवादी और प्राचीन विचारों...
नारी और प्रतिक्रांति- भीमराव आंबेडकर
मनु के समय से पूर्व नारी की जो स्थिति थी, उससे इसकी तुलना तो कीजिए। अथर्ववेद से यह स्पष्ट है कि नारी को अपने उपनयन का अधिकार प्राप्त था। कहा गया है कि नारी ब्रह्मचर्य की अवस्था पूरी करने के बाद विवाह के योग्य हो जाती है। श्रौत सूत्र से यह स्पष्ट है कि नारी वेद मंत्रों का अनुपाठ कर सकती थी और उसे वेदों का अध्ययन करने के लिए शिक्षा दी जाती थी। पाणिनि की अष्टाध्यायी से इस बात के भी प्रमाण मिलते हैं कि नारियाँ गुरुकुलों में जाती थी और वेदों की विभिन्न शाखाओं का अध्ययन करती थीं और वे मीमांसा में प्रवीण होती थीं। पतंजति के महाभाष्य का कहना है कि नारियाँ शिक्षक होती थीं और बालिकाओं को वेदों का अध्ययन कराती थीं। धर्म, अध्यात्म और तत्व मीमांसा के कठिन से कठिन विषयों पर पुरुषों के साथ नारियों के शास्त्रार्थ करने के प्रसंग भी कम नहीं मिलेंगे। जनक और सुलभ, याज्ञवल्य और गार्गी, याज्ञवल्क्य और मैत्रेयी तथा शंकराचार्य और विद्याधरी के बीच शास्त्रार्थ की घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि मनु के पूर्व नारियाँ शिक्षा और ज्ञान के उच्च शिखर पर पहुँच चुकी थीं
बुद्ध अथवा कार्ल मार्क्स – भीमराव आम्बेडकर
Buddha or Karl Marx – Bhimrao Ambedkar कार्ल मार्क्स तथा बुद्ध में तुलना करने के कार्य को कुछ...
प्रतिक्रांति की दार्शनिक पुष्टि: कृष्ण और उनकी गीता – भीमराव आम्बेडकर
प्राचीन भारत के साहित्य में भगवद्गीता का क्या स्थान है? क्या यह हिंदू धर्म का उसी प्रकार का...
वह समाज जिसे हिंदुओं ने बनाया / भीमराव आम्बेडकर
हिंदू समाज-संगठन में क्या कोई विलक्षणता है? साधारण हिंदू, जिसे शोधकर्ताओं के शोध की जानकारी नहीं है, वह...